FACTS ABOUT SHIV CHAISA REVEALED

Facts About Shiv chaisa Revealed

Facts About Shiv chaisa Revealed

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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर

Devotees who chant these verses with intense enjoy become prosperous with the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have little ones, have their desires fulfilled right after partaking of Shiva-Prasad with faith and devotion.

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर more info ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।

बृहस्पतिदेव की कथा

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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